सूरजपुर, 05 अगस्त 2025।
जिले में राष्ट्रपति द्वारा “दत्तक पुत्र” की मान्यता प्राप्त पण्डो जनजाति के संवैधानिक अधिकारों पर एक बार फिर प्रशासन की चुप्पी और लापरवाही सवालों के घेरे में है। जिला पंचायत सदस्य एवं युवा कांग्रेस जिलाध्यक्ष नरेंद्र यादव ने मंगलवार को सूरजपुर कलेक्टर जनदर्शन में एक ज़बरदस्त ज्ञापन सौंपते हुए खुलासा किया कि भगवानपुर कला (तहसील लटोरी) की आदिवासी जमीन को राजस्व अमले की मिलीभगत से गैर-आदिवासी परिवार के नाम पर अवैध रूप से नामांतरण कर दिया गया।
किसकी मिलीभगत से पण्डो की जमीन लूटी गई?
ज्ञापन के अनुसार, खसरा क्रमांक 43, रकबा 1.71 हेक्टेयर (पुराना नंबर 5 से 12 तक) की जमीन, पण्डो जनजाति के झुरई पण्डो के नाम पर दर्ज थी। लेकिन आरोप है कि हल्का पटवारी ने नियमों को ताक पर रखते हुए इस भूमि की चौहद्दी बनाकर बंगाली मूल के गैर-आदिवासी परिवार के नाम पर अवैध नामांतरण कर दिया।
यह कार्रवाई न केवल छत्तीसगढ़ भू-राजस्व संहिता की धारा 170(ख) का खुला उल्लंघन है, बल्कि प्रशासनिक तंत्र की साजिश का भी सबूत है, जो आदिवासियों की जमीन को एक सोची-समझी योजना के तहत हड़पने में लिप्त दिख रहा है।
