सूरजपुर जिले में भ्रष्टाचार के खिलाफ चल रही मुहिम के तहत आज एक बड़ी कार्रवाई देखने को मिली। एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने तहसीलदार कार्यालय में पदस्थ राजस्व कर्मचारी जुगेश्वर राजवाड़े को 25 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया। आरोपी बाबू पर आरोप है कि उसने एक नागरिक से जमीन के नामांतरण कार्य के बदले घूस की मांग की थी।
🎯 एसीबी की ताबड़तोड़ कार्रवाई: जाल बिछाकर किया गिरफ्तार
सूत्रों के अनुसार, पीड़ित नागरिक ने जुगेश्वर राजवाड़े की घूसखोरी की शिकायत एसीबी से की थी। एसीबी ने शिकायत की सत्यता जांचने के बाद रणनीति बनाई और पूर्व नियोजित ट्रैप ऑपरेशन के तहत आरोपी बाबू को रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ लिया। मौके से बरामद रकम को जब्त कर लिया गया है और आरोपी से पूछताछ की जा रही है।
🔍 जांच जारी, अन्य अधिकारियों की भूमिका पर भी नजर
हालांकि खबर लिखे जाने तक कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया था, लेकिन सूत्रों का दावा है कि इस पूरे मामले में राजस्व विभाग के अन्य अधिकारियों की संलिप्तता की भी जांच की जा रही है। एसीबी की टीम अब दस्तावेजी साक्ष्य और कॉल डिटेल्स के जरिए आगे की कड़ियाँ जोड़ने में जुटी है।
🔥 जनता में आक्रोश, विभाग की कार्यशैली पर सवाल
इस कार्रवाई की खबर जैसे ही आम जनता तक पहुंची, लोगों में राजस्व विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार को लेकर नाराजगी फूट पड़ी। स्थानीय लोगों का कहना है कि वर्षों से पटवारी, बाबू और तहसीलदार स्तर पर काम के बदले पैसे मांगने की परंपरा बन गई है।
एक स्थानीय निवासी ने कहा –
“नामांतरण, बंटवारा, या नक्शा प्रमाणन जैसे कार्य बिना पैसे दिए नहीं होते। ये कार्रवाई स्वागत योग्य है, लेकिन यह सिलसिला तभी थमेगा जब लगातार ऐसी सख्त कार्रवाइयाँ होंगी।”
✅ भ्रष्टाचार पर लगाम: डिजिटल व्यवस्था की मांग तेज
घटना के बाद स्थानीय नागरिकों, सामाजिक संगठनों और युवाओं ने सरकार से मांग की है कि राजस्व कार्यालयों में पारदर्शी और डिजिटल प्रणाली को और मजबूत किया जाए। इससे रिश्वत जैसी कुप्रथाओं पर अंकुश लगेगा और आम जनता को राहत मिलेगी।
निष्कर्ष
सूरजपुर में एसीबी की यह कार्रवाई केवल एक आरोपी की गिरफ्तारी नहीं, बल्कि राजस्व तंत्र की गहराई तक फैले भ्रष्टाचार के खिलाफ एक कड़ा संदेश है। अब सबकी नजर इस बात पर है कि क्या इस प्रकरण से बाकी भ्रष्ट अधिकारियों पर भी शिकंजा कसा जाएगा या यह कार्रवाई सिर्फ एक बाबू तक सीमित रह जाएगी।