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4 Aug 2025, Mon

सड़क सुरक्षा में लापरवाही, बढ़ती दुर्घटनाएं बनी चिंता का विषय…

बलरामपुर, 26 मार्च 2025 – जिले में सड़क सुरक्षा को लेकर किए जा रहे दावों के बावजूद दुर्घटनाओं की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। हाल ही में हुए कई हादसों ने प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। सड़क सुरक्षा समिति की बैठकों और निर्देशों के बावजूद ज़मीनी स्तर पर प्रभावी बदलाव नहीं दिख रहे हैं।

ब्लैक स्पॉट्स पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं
प्रशासन द्वारा जिले में चिन्हित ब्लैक स्पॉट्स पर आवश्यक सुधार कार्य कराने की बात कही जा रही है, लेकिन स्थानीय नागरिकों का कहना है कि इन स्थानों पर अब तक कोई ठोस सुधार नहीं किया गया है। कई स्थानों पर गति अवरोधक, संकेतक बोर्ड और रिफ्लेक्टर्स नहीं लगाए गए हैं, जिससे वाहन चालक असुरक्षित महसूस कर रहे हैं।

आवारा पशुओं से बढ़ रहा खतरा
सड़क पर घूमने वाले आवारा पशु भी दुर्घटनाओं का एक प्रमुख कारण बनते जा रहे हैं। प्रशासन ने इन पशुओं पर रेडियम बेल्ट लगाने और उचित प्रबंधन की बात कही थी, लेकिन अभी तक इस दिशा में कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। रात के समय सड़कों पर घूमते इन पशुओं की वजह से वाहन चालकों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

यातायात नियमों का उल्लंघन जारी
यातायात नियमों के पालन को लेकर पुलिस प्रशासन ने सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए थे, लेकिन सड़कों पर ओवरस्पीडिंग, ट्रैफिक सिग्नल तोड़ना और हेलमेट न पहनने जैसी लापरवाहियों पर नियंत्रण नहीं हो पाया है। बाजार क्षेत्रों और मुख्य चौराहों पर पार्किंग अव्यवस्थित बनी हुई है, जिससे जाम की स्थिति बनी रहती है।

सड़कों की हालत बदहाल
राष्ट्रीय राजमार्ग और राजकीय राजमार्गों की हालत खराब बनी हुई है। सड़कों में गड्ढों के कारण वाहन चालकों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है, जिससे दुर्घटनाएं बढ़ रही हैं। कई स्थानों पर मरम्मत कार्य अधूरा पड़ा है, लेकिन जिम्मेदार विभाग इसे लेकर गंभीर नहीं दिख रहा है।

क्या प्रशासन वाकई सख्त कार्रवाई करेगा?
हालांकि प्रशासन ने यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों पर सख्त कार्रवाई करने की बात कही है, लेकिन सवाल यह है कि क्या यह निर्देश केवल बैठक तक सीमित रहेंगे या वास्तव में इनका पालन होगा? जब तक जमीनी स्तर पर ठोस कार्रवाई नहीं होगी, तब तक दुर्घटनाओं पर नियंत्रण पाना मुश्किल होगा।

स्थानीय नागरिकों ने मांग की है कि प्रशासन केवल बैठकों और निर्देशों तक सीमित न रहे, बल्कि वास्तविक रूप से सड़क सुरक्षा को लेकर ठोस कदम उठाए, ताकि दुर्घटनाओं पर प्रभावी रूप से रोक लगाई जा सके।