सरगुजा, अंबिकापुर।
रघुनाथपुर के एक छोटे से गांव में दो मासूम बच्चों की डबरी में डूबकर मौत हो गई। यह हादसा जितना दर्दनाक था, उससे कई गुना ज्यादा अमानवीय था वो व्यवहार, जो बच्चों के शोक में डूबे परिजनों के साथ अस्पताल में हुआ।
पोस्टमार्टम के लिए पहुंचे डॉक्टर ने खुलेआम 10-10 हजार रुपये की मांग कर डाली — एक लाश की कीमत दस हज़ार!
न कोई शव वाहन, न कोई संवेदना — मजबूर पिता ने अपने बच्चों की लाश मोटरसाइकिल पर रखकर घर ले जाने का फैसला लिया।
यह दृश्य देखकर ग्रामीणों की आंखें भर आईं और प्रशासनिक तंत्र की संवेदनहीनता पर सवाल खड़े हो गए।
डॉक्टर से जब मीडिया ने सवाल पूछे तो वह कैमरे से भाग खड़ा हुआ, जैसे अपराध करते रंगे हाथों पकड़ा गया हो।
ग्रामीण बोले:
“ये पहली बार नहीं है, पोस्टमार्टम में पैसे मांगना यहां की परंपरा बन चुकी है। लेकिन इस बार हद पार हो गई है। दो मासूमों के शव के साथ ये बर्बरता पूरे सिस्टम पर धब्बा है।”
मांगें तेज़:
गांव के लोग डॉक्टर को तत्काल बर्खास्त करने और अस्पताल प्रबंधन पर कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
अब तक प्रशासन की ओर से कोई ठोस बयान नहीं आया है।