रघुनाथनगर। “हर घर नल, हर घर जल” जैसी महत्वाकांक्षी योजना, जो देशभर में करोड़ों लोगों के जीवन को छू रही है, रघुनाथनगर में विडंबना बन गई थी। स्कूल रोड स्थित शासकीय नल को एक प्रभावशाली बीजेपी कार्यकर्ता द्वारा अपनी निजी बाउंड्री में कैद कर लेने के कारण सैकड़ों परिवार पानी की एक-एक बूंद को तरस रहे हैं। बच्चों का स्कूल जाना, महिलाओं की दिनचर्या और बुजुर्गों का जीवन—सब प्रभावित हो रहा था।
इस मामले को नईदुनिया प्रतिनिधि ने जब SDM वाड्रफनगर के संज्ञान में लाया, तो उन्होंने इसे अत्यंत गंभीर मानते हुए जल्द से जल्द कार्रवाई का भरोसा दिलाया है। SDM ने स्पष्ट कहा कि “इस तरह के मामलों में कानून से ऊपर कोई नहीं है, जांच के बाद सख्त कार्रवाई की जाएगी।”
यह प्रशासनिक प्रतिक्रिया उन लोगों के लिए राहत की खबर है, जो अब तक बेबसी और डर के साये में जी रहे थे। गांव के लोगों का आरोप है कि जब भी उन्होंने आवाज उठाने की कोशिश की, उन्हें धमकियां मिलीं, और कई बार झूठे केसों से डराया गया।
स्थानीय निवासी बोले, अब उम्मीद जगी है
एक स्थानीय महिला ने कहा, “पहली बार लग रहा है कि हमारी बात किसी ने सुनी है। अगर प्रशासन ईमानदारी से कार्रवाई करे, तो हम फिर से चैन से पानी पी सकेंगे।” वहीं एक युवा ने कहा, “हमें बस इतना चाहिए कि जो सरकारी नल है, वो आम जनता के लिए रहे। अगर अब भी कुछ नहीं हुआ, तो लोगों का लोकतंत्र से भरोसा उठ जाएगा।”
प्रशासन पर बढ़ा दबाव, जनता की निगाहें कार्रवाई पर
हालांकि SDM की ओर से मिले आश्वासन ने लोगों में उम्मीद जगाई है, लेकिन वे अभी भी आशंकित हैं क्योंकि पहले भी कई बार केवल आश्वासन मिले और जमीन पर कुछ नहीं बदला। इस बार जनता चाहती है कि कार्रवाई दिखे—नल मुक्त हो, दोषी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई हो, और हर घर को उसका जल अधिकार वापस मिले।
अब सवाल यह है कि…
क्या प्रशासन वाकई दबंगई के खिलाफ सख्त कदम उठाएगा?
क्या रघुनाथनगर की प्यास बुझेगी?
क्या लोकतंत्र की मर्यादा फिर बहाल होगी?
समय इस सवाल का जवाब देगा, लेकिन जनता अब जाग चुकी है—और यही बदलाव की पहली सीढ़ी है।
