बलरामपुर, —
जिले में आदिवासी समाज का आक्रोश अब खुलकर सामने आ गया है। जुबारो की भूमि पर फर्जी रजिस्ट्री, मृतक को मुआवज़ा, क्रेशर की जांच और फर्जी दस्तावेज़ों के खिलाफ कार्रवाई जैसी पांच प्रमुख मांगों को लेकर सर्व आदिवासी समाज ने आंदोलन का ऐलान कर दिया है।
इस आंदोलन का नेतृत्व प्रदेश उपाध्यक्ष परशुराम भगत, संभाग अध्यक्ष डॉ. अमृत सिंह मरावी, एवं जिला अध्यक्ष विजय खुसरो ने किया। साथ ही बड़ी संख्या में स्थानीय जनप्रतिनिधि जैसे बीडीसी, डीडीसी सदस्य, सरपंच और समाज के लोग भी समर्थन में सामने आए।
सर्व आदिवासी समाज ने बलरामपुर कलेक्टर राजेंद्र कटारा के नाम एक आवेदन सौंपते हुए अनुविभागीय अधिकारी (SDM) राजपुर को पांच सूत्रीय ज्ञापन सौंपा। प्रमुख मांगें इस प्रकार रहीं:
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जुबारो की ज़मीन की फर्जी रजिस्ट्री को राजस्व पुस्तक परिपत्र 170(ख) के तहत निरस्त किया जाए।
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मृतक भईरा के परिवार को 2 करोड़ रुपये की सहायता राशि दी जाए।
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जिम्मेदार आरोपियों की तत्काल गिरफ्तारी हो।
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भेस्की, बारियों, बाघिमा, घोरघड़ी और डिगनगर में संचालित सभी क्रेशर की निष्पक्ष जांच की जाए।
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फर्जी रजिस्ट्री कराने वाले दलालों और संबंधित व्यक्तियों पर FIR दर्ज हो।
प्रशासन पर बढ़ा दबाव, FIR दर्ज
सर्व आदिवासी समाज के आक्रामक तेवर और चक्काजाम की चेतावनी के बाद प्रशासन ने तत्परता दिखाई। बारियों चौकी में उप पंजीयक यशवंत कुमार, पटवारी राहुल सिंह, शिवराम, विनोद अग्रवाल उर्फ मधु, प्रवीण अग्रवाल, महेंद्र गुप्ता और उदय शर्मा के खिलाफ गंभीर धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। इन पर भारतीय दंड संहिता की धारा 318(4), 338, 336(3), 340(2), 3(5) के तहत केस दर्ज किया गया है।