सूरजपुर 13 अप्रैल 2025 ।“जो चला गया, वो अब कभी लौटकर नहीं आएगा… लेकिन उसकी मौत बेवजह तो नहीं जानी चाहिए।” – यह कहते हुए अंबिकापुर निवासी उस परिवार की आंखें भर आती हैं, जिसने हाल ही में अपने बेटे को गोखनई नदी में खो दिया। दरअसल जिले में अवैध रेत खनन और उसके खतरनाक परिणामों को लेकर एक बार फिर जिला प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठने लगे हैं। बीते दिनों ओड़गी विकासखंड अंतर्गत प्रसिद्ध धार्मिक स्थल कुदरगढ़ धाम दर्शन को निकले अंबिकापुर निवासी एक युवक की गोखनई नदी में डूबने से मौत हो गई। परिजनों का आरोप है कि यह हादसा नदी में बालू खनन के लिए लापरवाहीपूर्वक खोदे गए गड्ढों के कारण हुआ। इस दर्दनाक हादसे के बाद पीड़ित परिवार ने जिला प्रशासन से कड़ी कार्यवाही की मांग की थी।इस मामले को लेकर युवा कांग्रेस अध्यक्ष नरेंद्र यादव ने सूरजपुर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर 15 दिवस के भीतर जांच कर दोषियों पर कार्यवाही की मांग की थी। इसके बाद प्रशासनिक सक्रियता अचानक तेज हुई है। जिला प्रशासन द्वारा 13 अप्रैल 2025 को जारी की गई प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, खनिज एवं राजस्व विभाग की संयुक्त टीम ने ग्राम राजापुर में अवैध रूप से रेत परिवहन कर रहे दो वाहनों को जब्त कर पुलिस थाना जयनगर की अभिरक्षा में रखा है।इससे पूर्व, 08 अप्रैल 2025 को भी खनिज अमले द्वारा राजापुर, खड़गवाँकला और कल्याणपुर क्षेत्रों में रेत, मिट्टी (ईंट) और गिट्टी के अवैध परिवहन में संलिप्त चार अन्य वाहनों को भी जब्त कर प्रकरण दर्ज किया गया था। प्रशासन ने इन सभी मामलों में खनिज नियमों के अंतर्गत सख्त कार्रवाई की बात कही है।अब सवाल यह है कि क्या यह प्रशासन की असली चेतना है या फिर जनदबाव में किया गया एक तात्कालिक कदम..?

दर्द कहीं, इलाज कहीं और…
हालांकि जनचर्चाओं में प्रशासन की इस त्वरित कार्रवाई को लेकर जनचर्चाओं में तीखी प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। लोग कह रहे हैं – “दर्द कहीं, इलाज कहीं और” वाली स्थिति बताते हुए केवल दिखावटी कार्रवाई कर मामले पर पर्दा डालने की कोशिश माना जा रहा है। स्थानीय रहवासियों का कहना है कि जब तक खनन की जड़ों तक पहुंचकर स्थायी समाधान नहीं किया जाएगा, तब तक ऐसी दुर्घटनाएं होती रहेंगी और कार्रवाई केवल कागजों तक सीमित रहेगी।

अब उम्मीद बाकी है…
यह मामला अब एक सवाल बनकर सामने है –
क्या यह सिर्फ एक मौत के बाद किया गया औपचारिक रिस्पांस है या अवैध खनन की जड़ों तक जाकर कार्रवाई की शुरुआत..?
परिजनों को न्याय मिलेगा या यह मामला भी बाकी मामलों की तरह धीरे-धीरे ठंडे बस्ते में चला जाएगा…?